मुरली वाले के सम्मुख अर्जुन का शीश गिरा देता

सारा जीवन श्रापित श्रापित हर रिशता बेनाम कहो

मुझको ही छलने के खातिर मुरली वाले श्याम कहो

तो किसे लिखु मै प्रेम की पाती

किसे लिखु मै प्रेम की पाती कैसे कैसे इंसान हुये

कि किसे लिखु मै प्रेम की पाती कैसे कैसे इंसान हुये

अरे रणभूमि में छल करते हो तुम कैसे भगवान हुये

रणभूमि में छल करते हो तुम कैसे भगवान हुये

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Laxmikant Tiwari
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